हर घड़ी हर पहर खुद को ढूंढता हूंँ मैं हर अक्श में हर पहर में खुद से पूछता हूंँ मैं। हर घड़ी हर पहर खुद को ढूंढता हूंँ मैं हर अक्श में हर पहर में खुद से पूछता हूं...
तू तो ठहरा इंसान बड़ा, ये सारी धरा तेरी समिधा। तू जो चाहे उपभोग करे, तू जो चाहे विध तू तो ठहरा इंसान बड़ा, ये सारी धरा तेरी समिधा। तू जो चाहे उपभोग करे, त...
आजाद हूँ मैं ना कुछ पाने की इच्छा ना कुछ खोने का डर बेखौफ हूँ मैं आजाद हूँ मैं। आजाद हूँ मैं ना कुछ पाने की इच्छा ना कुछ खोने का डर बेखौफ हूँ मैं आज...
निर्भया कांड का दर्शक हूँ, किसी के लिए भक्षक हूँ, जनता का रक्षक हूँ, पता नही बना क्य निर्भया कांड का दर्शक हूँ, किसी के लिए भक्षक हूँ, जनता का रक्षक हूँ, पत...
कभी घर में भी शिकार ना बन जाऊं ये डर आज भी नारी को सहना पड़ता है । कभी घर में भी शिकार ना बन जाऊं ये डर आज भी नारी को सहना पड़ता है ।
मुझमें मनन शक्ति है, चिंतन शक्ति है, जो मुझे पशु से स्वतंत्र अस्तित्व देती है मुझमें मनन शक्ति है, चिंतन शक्ति है, जो मुझे पशु से स्वतंत्र अस्तित्व देत...